2030 तक भारत में बिकेगी करोड़ों Electric Vehicle, लोगों को मिलेगा रोजगार

हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में ही इलेक्ट्रिक वाहन यानी कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड बहुत ही ज्यादा बढ़ रही है, इसके दो बड़े कारण हैं। पहला ये की यह पेट्रोल या फिर डीजल के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं, और दूसरा ये इनसे पॉल्यूशन बहुत ही कम होता है। आज के समय में ही हम बहुत सारे लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल यूज करते हुए देखते हैं, लेकिन अभी तो यह आंकड़ा कुछ भी नहीं है, क्योंकि 2023 में ही हुए 19वे ईवी एक्सपो में हमारे देश के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हमारे देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल के फ्यूचर को लेकर बहुत सारी बातें की है।

Crores of electric vehicles will be sold in India by 2030, people will get employment
Crores of electric vehicles will be sold in India by 2030, people will get employment

इतना ही नहीं इसमें इन्होंने यह भी बताया है कि आने वाले समय में भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में बहुत ही ज्यादा बढ़ोतरी होने वाली है, जिससे कि करोड़ों लोगों को जॉब भी मिलेगी और हो सकता है कि आने वाले समय में हमारा भारत देश पूरे दुनिया का नंबर वन Electric Vehicle निर्माता बन जाए। तो चलिए इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं।

2030 तक होगी Electric Vehicle में 1 करोड़ की वृद्धि

दोस्तों अगर बात करें नितिन गडकरी की, तो हम आपको बता दें कि यह हमारे भारत देश के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं, इन्होंने 2023 में दिल्ली में हुए 19वे EV एक्सपो में हम सभी को संबोधित करते हुए यह बताया है, कि भारत में बहुत तेजी से ही इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है, जिससे कि आने वाले समय में भारत एक बहुत बड़ा ऑटोमोबाइल सेक्टर के रूप में उभर कर सामने आने वाला है।

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उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए यह भी बताया है कि 2030 तक भारत में सालाना एक करोड़ से भी ज्यादा इलेक्ट्रिक विकल बिकने वाले हैं, और उन्होंने यह भी बताया है कि अगर ऐसा हो गया तो 5 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त होगा, जो कि हमारे देश के लोगो और देश के इकोनॉमी के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।

ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर को डी-कॉर्बनाइज बनाने में मदद

इसी के साथ-साथ नितिन गडकरी ने ये भी कहां है कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के चक्कर में हमारे देश में बहुत ज्यादा पॉल्यूशन होता है, जिससे कि वातावरण में बहुत ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होती है। उन्होंने यह भी कहा है, कि ट्रांसपोर्टेशन के सेक्टर को डी-कॉर्बनाइज बनाने के लिए वह एक मोड पर काम कर रहे हैं, उन्होंने यह बताया है कि भारत एक ऐसा देश है जो कि हर साल 16 लाख करोड़ से ज्यादा का फ्यूल बाहर से इंपोर्ट करता है, जिससे कि देश में बहुत ज्यादा पॉल्यूशन भी होता है।

इसलिए उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग बहुत ही ज्यादा बढ़ने वाली है, और अगर ऐसा हो गया तो आने वाले समय में हमारा देश पॉल्यूशन फ्री हो जाएगा और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर को डी-कॉर्बनाइज बनाने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी।

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20 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट की जरूरत

दोस्तों इसी के साथ-साथ नितिन गडकरी ने यह भी बताया है कि वर्तमान समय में भारत में 34.54 लाख से भी ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन मौजूद है, जिसके लिए नितिन गडकरी ने कहा है कि हमें 2030 तक इन वाहनों की संख्या में तकरीबन 1 से 2 करोड़ तक की वृद्धि करनी होगी, जिससे कि 5 करोड़ से भी ज्यादा नौकरियां लोगों को मिलेगी। इतना ही नहीं, इसके लिए इन्होंने हमें संबोधित करते हुए यह भी बताया है, कि 2030 तक इस काम को सफल करने के लिए भारत को इलेक्ट्रिक सेगमेंट में कम से कम 20 लाख करोड रुपए इन्वेस्ट करने की जरूरत होगी, तब जाकर यह काम संभव हो पाएगा।

एक्सपो के पहले दिन से ही दिखा रिजल्ट

दोस्तों हम आपको बता दें कि 2023 में दिल्ली में हुए इस Electric Vehicle एक्सपो के पहले दिन ही ऐसे कई सारी कंपनी थे, जिन्होंने अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल को लांच किया, जिसमें की इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक बाइक, और इलेक्ट्रिक ऑटो आदि शामिल थे, जिसके वजह से यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में हमारे देश को प्रदूषण से बचाने के लिए तथा ऑटोमोबाइल के सेगमेंट में भारत को आगे लाने में यह एक्सपो बहुत ही ज्यादा मदद करेगा। साथ ही साथ इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने से हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा, क्योंकि ऐसा होने से हमारे देश को बाहर से भारी मात्रा में फॉसिल ऑयल और पेट्रोल डीजल नहीं मांगना पड़ेगा।

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